धम्म-परिचय की अदृश्य यात्रा
मंत्र जैसे धुएं के समान अनगिनत रूप से विस्तारित हो जाती हैं। उनका मार्ग हमेशा देखने को मिलता नहीं है, परंतु उनकी प्रभाव अदृश्य ही स्प�
मंत्र जैसे धुएं के समान अनगिनत रूप से विस्तारित हो जाती हैं। उनका मार्ग हमेशा देखने को मिलता नहीं है, परंतु उनकी प्रभाव अदृश्य ही स्प�